श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर शबद-कीर्तन का आयोजन हुआ. इस मौके पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अब महिलाओं को घूंघट और बुर्का प्रथा से बाहर निकालने के लिए मुहिम शुरू करनी चाहिए. हमारा समाज पुरुष प्रधान है. पहले राजा महाराजा महिला के कोख से पैदा लेते थे और अब उनकी जगह पर मंत्री-विधायक होते हैं, लेकिन महिलाओं को घूंघट और बुर्के के अंदर रखते हैं.
उन्होंने कहा कि ये उन्हें दबाकर रखने जैसी बात है. घूंघट और बुर्के के अंदर से महिलाएं कभी प्रगति नहीं कर सकती हैं. अब समय आ गया है कि इसे खत्म करने के लिए देश में प्रयास किए जाने चाहिए. गहलोत ने पहली बार अपने आवास पर शबद-कीर्तन का आयोनज किया था. इससे पहले उनके आवास पर होली, दिवाली और ईद पर कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं, लेकिन पहली बार इस तरह से बड़ी संख्या में सिखों को बुलाकर मुख्यमंत्री आवास के अंदर 4 घंटे का कार्यक्रम किया गया.
इस मौके पर अशोक गहलोत ने घोषणा करते हुए कहा कि किसी भी सिख विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र में किसी भी धार्मिक प्रतीक धारण करने की छूट होगी. उनकी पगड़ी, कृपाण और कटार की जांच नहीं की जाएगी. राज्य में सिख समाज में रीति-रिवाजों से हुई शादियों के रजिस्ट्रेशन के उद्देश्य से मैंने राजस्थान आनंद मैरिज रजिस्ट्रेशन नियम-2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया है.